उनकी आशिकी में, हमने नाम कमाया है या हुये हैं बदनाम
ये जिससे पूंछो,........................ तो वो चुप हो जाता है ?
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उन्हें, फर्जीवाड़े की आदत कुछ इस कदर हुई है 'उदय'
कि - मौके-बेमौके.... बाप का नाम भी बदल लेते हैं ?
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अब तुम, झूठे दिलासों से मत बहलाओ हमको
किसको नहीं मालूम जन्नत की हकीकत यारा ?
1 comment:
सबकी अपनी परिभाषायें..
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