बहुत हुई, बहुत हो चुकी,
गांधीगिरी दोस्तो
अब तो,
चलो,
उठो,
उठाएं लट्ठ,
और ...
फोड़ दें -
भ्रष्टाचारियों ...
औ ...
देशद्रोहियों को !
क्यों ? ... क्योंकि -
अब ...
भ्रष्टाचारी ... सीधेतौर पर
दादागिरी पे ...
और ........... देशद्रोही ...
सीनाजोरी पे ...
......... उतर आये हैं !
इंकलाब ....... जिंदाबाद !!
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