सच ! सितारे जगमगाएँ, लाख चाहे आसमां में
कल बिन तेरे, अंधेरा.. लग रहा था आंगना में !!
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सच ! तुम्हारे आगमन से, घर का अंधेरा छट गया है
बस, तनिक छू लो हमें, हम भी जगमगा जाएँ फिर !!
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जो तू कहे तो रात सारी, 'दीप' बन जलता रहूँ
बस दो घड़ी तू ठहर जा हौसला आफजाई को !
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