गर तुम कहो तो, ....................... 'हाँ' कह दूँ
वैसे भी, उनसे 'न' कहने की हिम्मत नहीं होगी ?
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सच ! मुश्किल डगर है, फिर भी पग हमारे बढ़ रहे हैं
वैसे भी, उनसे 'न' कहने की हिम्मत नहीं होगी ?
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सच ! मुश्किल डगर है, फिर भी पग हमारे बढ़ रहे हैं
हिन्दी की कहानी, हिन्दी की ज़ुबानी हम गढ़ रहे हैं !!
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न जाने कौन था, जो मुझे छू-कर चला गया
हवाओं संग था, या हवा बन के चला गया ?
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बगैर दहाड़ के तुम, क्यूँ गुर्र-गुर्र-गुर्रा रहे हो
गर शेर बनना है, तो दुम क्यूँ हिला रहे हो ?
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न कर गुमां, तू अपने गोरे रंग पे गोरी
नील पड़ जाएगा, तनिक छूने से मेरे ?
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