उन्हें उनके हाल से मतलब है, और हमें अपने
बस, इसी चक्कर में ......... देश फटेहाल है ?
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सच ! वो घमंड से दिखाते थे, औ हम नाज से सहलाते थे
किसे खबर थी, वक्त के दीमक उन्हें खोखला कर जाएंगे ?
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वो लगे थे रात-दिन, हमें बदनाम करने में 'उदय'
पर उनके इन्हीं मंसूबों से, नाम अपना हो गया ?
1 comment:
सबकी अपनी अपनी राहें,
देशधर्म कब कौन निबाहें।
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