Wednesday, March 21, 2012

सुबह ...

सच ! बहुत दिनों के बाद हुई है, आज सुबह से बात हुई है
थोड़ा गुस्सा तो जायज था, फिर मीठी-मीठी बात हुई है !
...
सुना है, जर्रे जर्रे पे तुमने अपना नाम लिख रखा है
अगर चाहो, तो दिल मेरा, अब तक कोरा पडा है !!

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत खूब..

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक शुभकामनाएँ|