"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
मन में जाने कितने अरमान ऐसे ही दबे रह जाते हैं।
Post a Comment
1 comment:
मन में जाने कितने अरमान ऐसे ही दबे रह जाते हैं।
Post a Comment