Monday, February 20, 2012

महाप्रलय ...

हे भोले ... बम बम भोले ...
देवादि देव महादेव ...
तुम्हें प्रणाम ... कोटि कोटि प्रणाम ...
मैं आज तुम्हारी चौखट पे
कुछ लेने नहीं !
और न ही कुछ जानने आया हूँ !!
मैं तो सिर्फ
तुम्हें यह बताने आया हूँ
कि -
अब समय आ गया है
आप ... रौद्र रूप धारण कर लें, प्रभु !
और
एक बार फिर
महाप्रलय कर, नष्ट कर दें -
भ्रष्ट जनजीवन को !!
क्यों ? क्योंकि -
यह तय-सा जान पड़ रहा है
कि -
अब, हम
अपने से, खुद सुधरने वाले नहीं हैं !!!

5 comments:

vidya said...

सच कहा...........

प्रवीण पाण्डेय said...

महाप्रलय को मूर्तरूप देने वाले भोलेबाबा..

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सत्याभिव्यक्ति....
शिवरात्री की हार्दिक बधाईयाँ...

shyam gupta said...

saty bachan...

Unknown said...

Saty bacham