हे भोले ... बम बम भोले ...
देवादि देव महादेव ...
तुम्हें प्रणाम ... कोटि कोटि प्रणाम ...
मैं आज तुम्हारी चौखट पे
कुछ लेने नहीं !
और न ही कुछ जानने आया हूँ !!
मैं तो सिर्फ
तुम्हें यह बताने आया हूँ
कि -
अब समय आ गया है
आप ... रौद्र रूप धारण कर लें, प्रभु !
और
एक बार फिर
महाप्रलय कर, नष्ट कर दें -
भ्रष्ट जनजीवन को !!
क्यों ? क्योंकि -
यह तय-सा जान पड़ रहा है
कि -
अब, हम
अपने से, खुद सुधरने वाले नहीं हैं !!!
5 comments:
सच कहा...........
महाप्रलय को मूर्तरूप देने वाले भोलेबाबा..
सत्याभिव्यक्ति....
शिवरात्री की हार्दिक बधाईयाँ...
saty bachan...
Saty bacham
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