Monday, January 30, 2012

प्रेम ...

सिर्फ
एक वजह नहीं है
तुम्हारे प्रति आकर्षण की
कि -
तुम खूबसूरत हो !
एक वजह और भी है
कि -
तुम, मुझे -
अच्छी लगती हो !
जिसे लोग क्या कहते हैं ?
यह तो मैं नहीं जानता
पर, हाँ
जानता हूँ, तो सिर्फ इतना
कि -
मुझे, तम्हारी -
आँखों से
मुस्कान से
बातों से, तुमसे, प्रेम है !!

7 comments:

सदा said...

बेहतरीन प्रस्‍तुति
कल 01/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्‍वागत है, कैसे कह दूं उसी शख्‍़स से नफ़रत है मुझे !

धन्यवाद!

प्रवीण पाण्डेय said...

गहरी है प्रेम परिभाषा।

induravisinghj said...

गहराई से उपजता प्रेम,सुंदर रचना।

vidya said...

बहुत बहुत सुन्दर....
सीधी सी बात...

***Punam*** said...

पर, हाँ
जानता हूँ, तो सिर्फ इतना
कि -
मुझे, तम्हारी -
आँखों से
मुस्कान से
बातों से, तुमसे, प्रेम है !!

और इससे ज्यादा जानने की ज़रुरत भी क्या है...!
खूबसूरत...

मेरा मन पंछी सा said...

sundar bhav gahari bat.....

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सुन्दर भाव...