Friday, January 13, 2012

स्कूल बिल्डिंग ...

हमारे गाँव में, सरकारी पैसे से
स्कूल बिल्डिंग बन गई है
आधे-अधूरे में
आज, लोकार्पण भी हो गया है !

मंत्री, अफसर, और ठेकेदार
तीनों
लोकार्पण के अवसर पर
बहुत प्रसन्न थे !

प्रसन्न तो सारा गाँव भी था
नई
स्कूल बिल्डिंग को -
देख-देख कर, छू-छू कर !

हे राम
कहीं पड़ोस के गाँव की तरह
स्कूल खुले बगैर ही
बिल्डिंग खंडहर न हो जाए !!

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

संभावना गहरी है,
रात अभी ठहरी है।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

आपके तेवर इस कविता में संजीदगी से दिख रहे हैं!! संवेदनशील कविता की बधाई!!