"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
कोमल..
जैसे ही चौथी बार नाम लिखा उसे, सामने देख चुपके से जेब में रख लिया और क्या करता ?प्यार जो करता हूँ उससे !!अच्छा किया...प्यार में यही होना चाहिए...
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2 comments:
कोमल..
जैसे ही
चौथी बार नाम लिखा
उसे, सामने देख
चुपके से जेब में रख लिया
और क्या करता ?
प्यार जो करता हूँ उससे !!
अच्छा किया...
प्यार में यही होना चाहिए...
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