Tuesday, December 13, 2011

क़ानून ...

हमें
क़ानून का उतना डर नहीं है
जितना डर इस बात का है
कि -
तुम्हारे हांथों में क़ानून है !
न जाने कब
यह कह दो कि -
तुमने क़ानून का उल्लंघन किया है
और हमें फांसी चढ़ा दो !!

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

विश्वास पनपने का मौसम हो।