हुनर की तो कम से कम
आज तुम हमसे बातें न करो
हमें मालूम है
कि -
हुनर क्या होता है !
एक समय सुनते थे ...
कि -
हुनर के भी अपने मसीहा हैं !
हुनर के भी अपने सलीखे हैं !
हुनर के भी अपने तजुर्वे हैं !
हुनर की भी अपनी कहानी है !
पर,
आज का हुनर, अपने आप में -
बेमिसाल है
बेजोड़ है
अकाट्य है
क्यों, क्योंकि -
वह
चमचागिरी
जी हुजूरी
भाई-भतीजावाद, से लबालब है !
इन जैसे हुनरों के फनकार
आज
खुद-ब-खुद, बन बैठे सरकार हैं !!
1 comment:
यह भी क्या किसी हुनर से कम है।
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