Thursday, September 22, 2011

... बड़े साहब अनशन पर हैं !!

जिस दिन से बड़े साहब ने पांच दिन के अनशन पर बैठने की मीडिया के सामने चर्चा छेड़ी थी ठीक उसी दिन से बड़े साहब के चेले-चपाटे बेहद चिंतित थे, चिंता यह थी कि कहीं साहब पांच दिन में टांय-टांय न बोल दें ... साहब के टांय-टांय का मतलब चेले-चपाटों का सड़क पर आ जाना ... इसलिए उनकी चिंता जायज थी, इसी चिंता के बीच साहब के सामने भी तर्क-वितर्क किया गया ... साहब भी चेले-चपाटों की चिंताओं से चिंतित थे उन्हें भी लग रहा था कि चिंता जायज है, पर ऐंसा क्या किया जाए कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे ... समय निकट आते जा रहा था और चिंता बढ़ते जा रही थी, इसी बीच एक चेले साहब का सब्र का बाँध टूट गया और भड़क पड़े कि - क्या जरुरत है अनशन-वन्शन की, आखिर समाज सेवा तो कर ही रहे हैं ... अरे यार छोडो, अब जो हो गया सो हो गया, अब साहब पीछे नहीं हट सकते, पीछे हटने से बदनामी होगी, अब तो ये सोचो की साहब को कुछ न हो, और काम हो जाए ... ठीक है चलो, किसी डाक्टर के पास चलते हैं ... डाक्टर बोला - चिंता मत करो, एक आदमी को रोज कम से कम दो हजार कैलोरी की जरुरत होती है, पांच दिन के लिए दस हजार कैलोरी की जरुरत पड़ेगी, तुम लोग साहब को अनशन पर बैठने के पहले ही पांच दिन का कोटा "दस हजार" कैलोरी एक सांथ खिला देना ... क्या ये संभव है !!! ... हाँ, क्यों नहीं, बिलकुल संभव है पर आराम से, लो ये पर्ची लो, इस में लिखा है क्या क्या कितनी मात्रा में खाने को देना है मोटे मोटे तौर पर आइसक्रीम, रसमलाई, जूस, सूप, बगैरह बगैरह ... आप महान हैं डाक्टर साहब, आपने हमारे बड़े साहब को बचा लिया, धन्यवाद ... अरे यार तुम भी, बड़े साहब आखिर हमारे भी तो बड़े साहब हैं हम कैंसे उनको मरने के लिए छोड़ देंगे ... और सुनो, कहीं यह नहीं लिखा है कि पांच दिन मतलब, पांच दिन पूरे होने के बाद ही अनशन छूटेगा, जैसे ही पांचवा दिन शुरू हो, शुरुवाती चार-पांच घंटे में ही अनशन को जय जय राम करवा देना ... फिर क्या था ... ... बड़े साहब अनशन पर हैं ... बड़े साहब अनशन पर हैं ... के नारे लगने लगे ... चहूँ ओर बैनर-पोस्टर लग गए ... उफ़ ! बड़े साहब का अनशन !! ... जय हो !!!

6 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आज 23- 09 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....


...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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प्रवीण पाण्डेय said...

एक साथ ही खाने का रिवाज़ हो गया है।

Unknown said...

बढ़िया |
मेरे ब्लॉग में भी आयें-

**मेरी कविता**

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आज कल अनशन भी फैशन बन गया है ..

रचना दीक्षित said...

जय हो अनशन करने वालों की.

देवेन्द्र पाण्डेय said...

अनशन का सच और चाटुकारों की चाटुकारी पर व्यंग्य।