भ्रष्टाचारियों को शर्म भी आए, तो भला क्यों आए
बेशर्मी ने ही तो उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है !
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क्या खूब चाहतें हैं, भले चुप-चाप ही सही
उफ़ ! कोई वेपर्दा है, तो कोई पर्दे में है !!
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सच ! चलो जाने भी दो, किसी मासूम का दिल है
कभी गुमसुम रहता है, कभी ये हंस भी लेता है !!
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हाई अलर्ट पे हाई अलर्ट, क्या खूब हाई अलर्ट है
एक के ऊपर एक रखते-रखाते, खूब हाई हुआ है !
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सच ! अब क्या कहें, हमें होश कहाँ रहता है
लिखते लिखते 'शेर', 'बब्बर शेर' हो जाता है !!
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अब तो ख्याल भी करता हूँ तो दो-चार मर जाते हैं
सच ! कोई बहुत खुश है, मेरे काम-धंधे से !!
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सच ! अब कोई इस तरह मुझ पे इल्जाम न लगाए
लिखता तो 'मीठा' ही हूँ, लोगों को 'कडुवा' लगे है !
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अब कोई इन दलालों पे, भला क्यूं तोहमत न लगाए
ये जिस्म, ईमान, और अब मुल्क के सौदागर हुए हैं !
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अब क्या कहें, हम क्या हैं, क्या नहीं हैं
फिलहाल तो फकीरी शान, जिंदाबाद है !!
2 comments:
Very nice .... so angry we r ..but dont know what to do !!
धन का बीहड़ और तिहाड़ी,
भली दिहाड़ी नीदें गाढ़ी।
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