मैं कोई जन्मजात भ्रष्टाचारी नहीं हूँ !
और न ही -
और न ही -
मेरा कोई दूसरा सांथी भी भ्रष्टाचारी है !
वो तो हमारा भ्रष्ट सिस्टम है
जो हमें, भ्रष्टाचार करने के लिए
समय समय पर
वो तो हमारा भ्रष्ट सिस्टम है
जो हमें, भ्रष्टाचार करने के लिए
समय समय पर
कदम-दर-कदम
उकसाता, डराता, भड़काता है !
उकसाता, डराता, भड़काता है !
गर, कुछ कर सकते हो
बदल सकते हो, तो बदल डालो
सड़े,
सड़े,
गले,
दीमक लगे,
फफूंद लगे
भ्रष्ट, भ्रष्टतम, भ्रष्टाचारी सिस्टम को !
भ्रष्ट, भ्रष्टतम, भ्रष्टाचारी सिस्टम को !
वर्ना, हो-हल्ला, चिल्लम-चिल्ली, का कोई
कहीं कोई औचित्य नहीं है !
आओ, आगे आओ, लगाओ, सब मिलकर
आओ, आगे आओ, लगाओ, सब मिलकर
दम-ख़म !
किसी एक, दो, तीन -
किसी एक, दो, तीन -
के बल-बूते की बात नहीं है !
तुमको, हमको, सब को, हम सब को
आना पडेगा
तुमको, हमको, सब को, हम सब को
आना पडेगा
भिड़ना पडेगा
लड़ना पडेगा
इस भ्रष्ट, भ्रष्टतम, भ्रष्टाचारी सिस्टम से !
इस भ्रष्ट, भ्रष्टतम, भ्रष्टाचारी सिस्टम से !
जब तक, आप, हम, सब
नहीं आ जाते, नहीं भिड़ जाते
इस भ्रष्ट सिस्टम से !
तब तक -
तब तक -
भ्रष्टाचारी सिस्टम की !
भ्रष्टाचारियों की !
तुम्हारी, हमारी, हम सब की, जय हो !!
तुम्हारी, हमारी, हम सब की, जय हो !!
2 comments:
uday bhai khub nya andaz nikaala hai badhaai ho bhaia .akhtar khan akela kota rajsthan
कीचड़ के छींटे तो सब पर पड़ ही जाते हैं।
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