Thursday, July 7, 2011

सियासत ...

गरीब, मजदूर, किसान ...
का होना, बने रहना, बेहद जरुरी है
गर ये नहीं रहेंगे, तो, शायद
हम, हमारी सियासतें, भी रहें !

हमें, अपने बजूद, सियासतें, हुकूमतें
बनाए रखने के लिए
इनकी, गरीबों की, गरीबी की
बेहद, निहायत, ज्यादा जरुरत है !

सोचो, गंभीरतापूर्वक सोचो
हम, इन गरीबों को ही समझा-बुझा सकते हैं
वक्त आने पर, बरगला सकते हैं
जरुरत पर इन्हें खरीद भी सकते हैं
इसलिए, इनका होना, बेहद जरुरी है !

जाओ, बचाओ, मत मरने दो, इनके हौसले को
इनका ज़िंदा रहना, हमारे ज़िंदा रहने के लिए
सियासत, हुकूमत, बादशाहत, के लिए
जरुरी है, जरुरी था, और जरुरी रहेगा !

हमारी हुकूमतें, सालों से, सदियों से
इन गरीब, मजदूर, किसान के कांधों पर
टिकी हैं, और आगे भी टिकी रहेंगी !

आओ, प्रण करें, प्रतिज्ञा करें
हमें, गरीब, और गरीबी को ज़िंदा रखना है !

आज के लिए नहीं, उस दिन के लिए
जिस दिन, चुनाव होना है, मतदान होना है
इनका ज़िंदा रहना, बेहद जरुरी है, मतदान के लिए !!

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

सच है, जीना जरूरी है।