Sunday, April 3, 2011

उड़ान ...

गर हम चाहें
तो
आसमां छू लें
पर हम
ऐसा
चाहते कब हैं !

आओ चाहें
चाहतों
को बढ़ा लें हम
ये जमीं, ये आसमां, घूम लें हम !

बस
घड़ी
-दो-घड़ी का, सफ़र होगा
आओ चलें
आजमा लें हम !

जज्बे, हौसले, इरादों संग
चलो, एक छोटी सी उड़ान भर लें !!

5 comments:

Apanatva said...

khoobsoorat khwahish....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर

प्रवीण पाण्डेय said...

आईये भर लें, छोटी सी उड़ान।

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर...

रूप said...

sundar rachna , mere blog par bhi tashreef layen !