Tuesday, January 25, 2011

.. आजादी .. दुकां खुली है, बच्चों के लिए तिरंगा खरीद लेता हूँ !!

जिस्म, आबरू, रुंध गई, लुट गई, तार तार हुई
अब नहीं बचा कुछ गांठ में, हिम्मत के सिवा !
...
कुछ फितरती लोग, इतने मतलबी हुए
सच ! आज कश्मीर जहन्नुम हुआ है !
...
भ्रष्ट, हमें गर्व है खुद पर, स्वीस बैंक कोड रखते हैं
उफ़ ! देश चला तो रहे हैं, अब क्या जान ले लोगे !
...
जात, समुदाय, धर्म, भाषा, रंग, रूप
उफ़ ! कब तक हम लड़ते रहेंगे !
...
सच ! नेता और करेला, पक गए
उफ़ ! मगर अफसोस, मीठे हुए !
...
ताउम्र खून तपाते रहे देश के लिए
उफ़ ! गुम हुए ऐसे, फिर निशां मिले !
...
रिश्तों की अहमियत अब रही
उफ़ ! दौलतें पहचान बन गईं हैं !
...
लिखते लिखते छप गईं, छपते छपते रह गईं
'उदय' ये कविताएं हैं, पढी गईं, पढी जाती रहेंगी !
...
जुबां दी, मुकरे नहीं, लोग लड़ते रहे 'उदय'
उफ़ ! आज जुबां का, कोई हिसाब नहीं !
...
प्रेम किया, निहारते रहे, छुआ तक नहीं
सच ! जीते रहे, मर गए, अमर हो गए !
...
चाकू, तलवार, कट्टे, बम, शान की बातें हुईं 'उदय'
सच ! कागज़, कलम, कलमकार, देशद्रोही हुए हैं !
...
सच ! कोई दिल्ली, तो कोई मुंबई में शान से बैठा है
बेख़ौफ़ है, विदेशों में जमीं और पैसा रख छोड़ा है !
...
सच ! उसकी मर्जी, चाहे जितना आजमा ले मुझे
गर उसे एतराज हो, तो मैं 'खुदा' बन जाऊंगा !
...
बुझ गए चिराग, 'उदय' घुप्प अन्धेरा हुआ
सच ! कोई चला गया, हवा के झोंके संग !
...
आजादी की आस, अब मिट चुकी है 'उदय'
दुकां खुली है, बच्चों के लिए तिरंगा खरीद लेता हूँ !
...
स्वतन्त्र हैं, स्वतंत्रता है, चलो एक प्रण करें 'उदय'
चलते चलें, राह में किसी रोते को हंसाते चलें !
...

16 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

बस तिरंगा ही मँहगाई से बचा है।

Arvind Jangid said...

बहुत ही उम्दा!

मेरे ब्लॉग पर आपकी कमी सी है.....


आभार

डॉ टी एस दराल said...

हालात तो ऐसे ही हैं लेकिन चले भी जा रहे हैं ।

गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें ।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....
---------
हिन्‍दी के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले ब्‍लॉग।

Coral said...

बहुत सुन्दर ...

गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर आप को ढेरों शुभकामनाये

केवल राम said...

रिश्तों की अहमियत अब न रही
उफ़ ! दौलतें पहचान बन गईं हैं !


हाँ यह सच है ....एक एक शेर विचार करने योग्य है ....आपका आभार

Deepak Saini said...

बस तिरंगा ही मँहगाई से बचा है।

गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

जात, समुदाय, धर्म, भाषा, रंग, रूप
उफ़ ! कब तक हम लड़ते रहेंगे !
...
सच ! नेता और करेला, पक गए
उफ़ ! मगर अफसोस, मीठे न हुए !

आजादी की आस, अब मिट चुकी है 'उदय'
दुकां खुली है, बच्चों के लिए तिरंगा खरीद लेता हूँ !
...

सभी शेर बहुत उम्दा ..झकझोर देने वाले



गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें..

Kailash Sharma said...

प्रेम किया, निहारते रहे, छुआ तक नहीं
सच ! जीते रहे, मर गए, अमर हो गए !

बहुत सुन्दर...गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई...

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

माहौल निराशाजनक है..

उपेन्द्र नाथ said...

हर नज़्म तीखी और गहराई से भरी हुई ..... सुंदर प्रस्तुति. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई

Sushil Bakliwal said...

उफ़ ! मगर अफसोस, मीठे न हुए !
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शभकामनाओं सहित...

RAJNISH PARIHAR said...

गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही उम्दा!
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !!

Happy Republic Day.........Jai HIND

Patali-The-Village said...

सुंदर प्रस्तुति|
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|

राजेश नारायण कोळी said...

.आपका आभार