कल-आज-कल, जीवन है
जीवन है, तो जी लें हम !
चलो आज में, जी लें हम
कल का, कल हम देखेंगे !
बीत गया, जो बीत गया
आज बैठकर क्यूं सोचें !
रोज नया कल, आज बनेगा
फिर आज भला क्यूं हम सोचें !
होंगे कुछ, कल के सपने भी
आज भला हम क्यूं देखें !
ये सच है कल भी आयेगा
आज नया बन के आयेगा !
आज बैठ हम, कल के सपने
देख देख कर क्यूं बैठें !
जीवन का दस्तूर यही है
जो कुछ है, वो आज यहीं है !
आज जो चाहें, आज मिले
यही सोच कर, जी लें हम !
चलो आज में, जी लें हम
कल का, कल हम देखेंगे !!
11 comments:
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नवरात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं!
चलो आज में, जी लें हम
कल का, कल हम देखेंगे !
..............बहुत खूब, लाजबाब !
आप को नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं.
जीवन का दस्तूर यही है
जो कुछ है, वो आज यहीं है...
awesome !
.
kya ye sambhav hai?
nav ratri kee shubhkamnae............
सही कहा है, आज में जी लें। कल की कल देखेंगे। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
आपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं!
सुंदर ...
नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ
जय माता दी कहते जाओ ... ... ...
चलो आज में जी लें हम
कल का कल हम देखेंगे।
अच्छा संदेश देती हुई कविता।
सच हे जी कल किस ने देखा...
बहुत सुंदर रचना, आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,
बहुत सही लिखा आपने।
बड़े सुन्दर विचार व प्रस्तुति।
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