"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Sunday, July 25, 2010
शेर
.................................. जब धडकनें दिलों की सरेआम हो जाएं तब कर लो गुनाह ये कहकर, मोहब्बत है - मोहब्बत है। ..................................
5 comments:
जब धडकनें दिलों की सरेआम हो जाएं
तब कर लो गुनाह ये कहकर, मोहब्बत है - मोहब्बत है।...vaah aapne to kamaal kar diyaa.
जितना छुपाओ मुहब्बत बयान हो ही जाती है ...
Sundar panktiyan!
बढियां शेर लिखते हैं।
फ़ोटु के तौ 100 लम्बर दिए
first time landed here.........truly, meaning samajh nhi aya,
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