ब्लागदुनिया के मेरे हमसफ़र साथियों .... लेखन क्षेत्र में कोई उम्र नहीं होती ... कोई छोटा-बडा नहीं होता ... लेखन के भाव महत्वपूर्ण व छोटे-बडे होते हैं .... ये और बात है कि हम भारतीय संस्कृति के अंग हैं इसलिये उम्र को महत्व देते रहे हैं और शायद आगे भी देते रहें ..... जब एक पाठक आपके लेखन को पढता है तो वह भाव व विषय को तबज्जो देता है उस समय उसके मन में यह भाव संभवत: नहीं रहते होंगे कि लेखक की उम्र क्या होगी ....
... आज फ़िर मैं तो यही कहूंगा कि " .... न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन, जब प्यार करे कोई , तो देखे केवल मन ...." .... मेरा तात्पर्य सिर्फ़ इतना है कि ब्लागदुनिया में भी कोई छोटा-बडा, सीनियर-जूनियर नहीं है सब एक समान हैं .... ये सीनियर - जूनियर की भावना ... क्यॊं, किसलिये .... भाई लोग क्यों छीछा-लेदर कराने पे तुले हो !!!
.... भाई लोग, अगर कोई मुझसे पूछे कि वर्तमान में अच्छा व प्रभावशाली लेखन ब्लागजगत में कौन कर रहा है ... तो निसंदेह मेरा ध्यान कुछेक युवा लेखकों तथा कुछेक वरिष्ठ लेखकों की ओर ही जाता है .... जो प्रभावशाली व प्रसंशनीय लिख रहा है उसकी प्रसंशा होना तय है ...
... मेरा सभी ब्लागर साथियों से आग्रह है कि अमर्यादित, उट-पुटांग, बे-फ़िजूल तथा बिना सिर-पैर का लेखन यदि लिख रहे हैं तो लिखो ... पर किसी की भावनाएं व मान-मर्यदा आहत न हो .... रही बात एसोसिएशन की तो आधार जितना मजबूत होगा ... उस पर इमारत भी उतनी ही बुलंद खडी होगी .... एसोसिएशन के मुद्दे पे जो हो रहा है ... खींच-तान, आरोप-प्रत्यारोप, छीछा-लेदर .... क्यों, किसलिये .... भाई लोग क्यों छीछा-लेदर कराने पे तुले हो !!!
19 comments:
सार्थक बात
विचारणीय प्रस्तुती ....
मेरे विचार से जो विवाद था वह कल समाप्त हो गया है। कल ही एक सज्जन ने क्षमा याचना करते हुए पोस्ट लगा दी है। मामला रफा-दफा समझो
शायद एक बैठक जो कही होने वाली थी वह भी कैंसिल हो गई है और नहीं हुई है तो हो जाएगी समझो।
कल एक सज्जन ने क्षमा मांगते हुए नुक्कड़ पर पोस्ट लगा डी थी इस बारे में लेकिन फिर इस मुद्दे को तूल देने के लिए एक पोस्ट आ गई है ...
http://santoshpyasa.blogspot.com/2010/06/blog-post_796.html
सार्थक पोस्ट।
सार्थक पोस्ट।
मामला तो अभी शुरू हुया है राजकुमार जी।आगे आगे देखिये होता है क्या
राजीव जी का कमेन्ट देख्ये।ये कोई जलजला थोडे हि है जो गुजर गया तो शान्ति हो जायेगी
उफ़! बस एक्स्चेन्ज ओफ़र का दौर चल पडा है। अब तो बन्द होना ही चाहिये यह सब। अच्छा लिखे हैं उदय भाई।
Mujhe in vivadon ke bareme kuchh khabar to nahi hai...par gar aisa ho raha hai,to aapka kahna sahi hai.
निसंदेह मेरा ध्यान कुछेक युवा लेखकों तथा कुछेक वरिष्ठ लेखकों की ओर ही जाता है
कृपया आप अपना ध्यान इधर ही रखिए,
सार्थक लिखिए सार्थक पढिए
जय जोहार
आईये जानें .... मैं कौन हूं!
आचार्य जी
लेखन क्षेत्र में कोई उम्र नहीं होती
wah....................
creativity is most imp...........
nice
अनर्थक विवाद को समाप्त करने के लिए अन्य ब्लोगर को ऐसे विवादों की उपेक्षा कर देनी चाहिए.
sirf lekhan hi bacha rahega kynki blog jagat me kisi ki pahchan uska lekhan hi kayam karta hai. baki sab baatein nahi....
अरे छोडो इन विवादओ को....मस्त रहो जो कोई कुछ करता है करने दो
कल बताया था मेरी टिप्पणी मत हटाना नही माना ले अब तेरा भी काला चिट्था लिख दिया हूं अपने ब्लाग पर आके देख ले।
Kshamaa badhan ko chaahiye , chotan ko utpaat...Uday ji thanda thandaa cool ho jaayein aur kal ek aur achhee rachnaa padhwaayein..aabhaar
सार्थक बात
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