Thursday, June 3, 2010

'साकी'

आज फ़िर बैठा हूं 'साकी'
मैं तेरी यादों के साथ
है मुझको ये खबर
तू नही है 'मै' के साथ

पी रहा हूं, आज फ़िर
मैं तेरी यादों के साथ
'मैकदा' है या है 'मै'
कौन जाने क्या पता है

'मैकदा' खामोश है
जब तू नही है 'मै' के साथ
आज फ़िर बैठा हूं 'साकी'
मैं तेरी यादों के साथ !

14 comments:

दिलीप said...

waah sirji bahut achche...

Ra said...

वाह ,,,! क्या बात है !

Neeraj Express said...

इसे पढ मेरा मैं आपके मैं में कहीं खो गया
अलग जा रहा था अब रस्‍ता एक हो गया

Neeraj Express said...

इसे पढ मेरा मैं आपके मैं में कहीं खो गया
अलग जा रहा था अब रस्‍ता एक हो गया

Neeraj Express said...
This comment has been removed by the author.
राज भाटिय़ा said...

वाह वाह जी बहुत सुंदर, धन्यवाद

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

अरे! वाह............. बहुत खूब............

Udan Tashtari said...

बहुत खूब, महाराज!

M VERMA said...

बहुत बढिया

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बहुत पी ली भैया
चलो अब घर चलो:)

बम बम बम बम डम डम डम डम

आचार्य उदय said...

आईये जाने ..... मन ही मंदिर है !

आचार्य जी

Shekhar Kumawat said...

'मैकदा' खामोश है
जब तू नही है 'मै' के साथ
आज फ़िर बैठा हूं 'साकी'
मैं तेरी यादों के साथ !

bahut khub

kshama said...

Aisee kaunsee 'may' hai jo 'mai' ko aaraam dila de...

arvind said...

'मैकदा' खामोश है
जब तू नही है 'मै' के साथ
आज फ़िर बैठा हूं 'साकी'
मैं तेरी यादों के साथ !
.....bahut hi shaandar.unki yaadoM ke saath to main bhi may ho jaataa hai.