.... दुबई से फ़ोन की घंटी बजी .......... हां भाई, क्या आदेश है .......... ये क्या बकबास चल रहा है ... तू ये क्या बकबास कर रहिला है ..... साले तुझे और कोई काम नही है क्या जो ये क्वीज चालू कर रखीला है ...
.... क्या हो गया भाई मैं तो आपका चेला हूं ... जो आप कहिते हो बहिस करता हूं ... क्या गुस्ताखी हो गईला बॉस .... माफ़ी मांगता हूं ...
... चल चल ठीक है ... कोई बात नहीं ... पर तूने ये जो ... बेस्ट ब्लागर .... बेस्ट टिप्पणीकार .... बेस्ट सपोर्टर .... बेस्ट चापलूस ... बेस्ट चमचे .... बेस्ट चिरकुट ....
... इस खेल को बंद कर .... नहीं तो तेरो को ईच उठाना पडेगा ... ये क्या नौटंकी है ... तुझे नहीं पता कि कौन मेरा पसंदिदा ब्लागर है ... फ़िर क्यों ये नौंटकी चालू कर लेईला है ... चल बंद कर ये क्रिकोटत्सव ... नहीं तो तेरी वाट लगा दूंगा ... समझा ... क्या समझा ... (फ़ोन कट ) .... .....
... लगता है बॉस नाराज है ... चल चल बंद कर ये ... बाद में देख लेंगे .... .... .... .... जान रहेगी तो जहान रहेगी ... ... .. ... ... ...
(निर्मल हास्य)
6 comments:
" bahut hi badhiya post ..badhai "
plz read this
"इसकी आँखों पर से पट्टी उतारनी है ..कोशिश तो करो |"
http://eksacchai.blogspot.com/2010/06/blog-post.html
----- eksacchai{ AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
ise kehte hai.kadva sach.......
जान रहेगी तो जहान रहेगी ..ये जानते हुए भी..??? हा हा!
एकदम कड़ुवा बोले रे ला है बोस। झकास। मजा आ रेला हे।
आजकल तो बस आपको पढते है.. कितना कड़वा...
अंकल फ़ोन पर कौन चमका रहा था?
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