... मेरे धुरंधर "टिप्पणीकार" साथियों .... क्या फ़र्क पडता है शर्ट या टी-शर्ट ..... लाल तो लाल है !!!
... विगत कुछ दिनों से "ब्लागदुनिया" में जलजले की भांति आने वाला "टिप्पणीकार" Kumar Jaljala आखिर मौन क्यों है ????
... प्रश्न यहां राजीव तनेजा जी का नहीं है ... और न ही शर्ट / टी-शर्ट का है ... प्रश्न ये है कि आखिर "कुमार जलजला" कल ढाबे से "दाल-रोटी" खाकर किस अज्ञात वास में चला गया .... ????
... प्रिय साथी "कुमार जलजला" मैंने पिछली दो-तीन पोस्ट सिर्फ़ इसलिये लगाईं कि किसी भी तरह आप "मोटीवेट" होकर कल के ब्लागर मिलन समारोह में "रू-ब-रू" अपनी अपस्थिति दर्ज कराओ ... मेरा अंतर्मन कह रहा है कि न तो तुम फ़्राड हो और न ही फ़र्जी हो .... ब्लागवुड में तो ये सब चलते रहता है ... खैर छोडो ....
...."कुमार जलजला" मैं तो आपका ब्लागवुड में स्वागत कर रहा हूं और आशा है कि अन्य साथी / ब्लागर / टिप्पणीकार भी ......!!!!!!!!
15 comments:
मेरे ख्याल से अब इस नाम को हम कोई महत्त्व ना दें तो ही अच्छा है |
हो न हो...आपका शक सही है...
क्या पर्क पड़ता है शार्ट हो या टी शर्ट..लाल तो लाल है भले समीर लाल हो...हा हा!!
राजीव भाई सही अटके पहली बार!! मुझे तो मजा आ गई उनको फंसता देख...
ब्लॉगर हूँ न..दूसरे ब्लॉगर को फंसते देख मजा तो आता ही है. :)
क्या बात है /फर्क तो परता है जब लाल टी शर्ट भी मौजूद था और उसपे जलजला होने का अनुमान ज्यादा है तो लाल शर्ट वाले को कैसे कुछ कह सकते हैं / हम दावे के साथ कहते हैं की लाल शर्ट वाला(राजीव तनेजा जी) जलजला नहीं हो सकता है /
.
.
.
यह क्या मित्र,
कुछ और सोचो...आप तो हाथ धोकर उस बेचारे के पीछे ही पड़ गये हो...क्या रस्सी को सांप समझ कर पीटते ही रहोगे...कब तक ?
मित्र कहने वालों की बात पर तुरंत अमल करें उदय जी ,यही हमारा भी आग्रह है ,अब इस जलजला को भूल जाइये /
@प्रवीण शाह
... अभी आपके ब्लाग पर गया था ... ब्लाग व प्रोफ़ाईल देख कर ऎसा लग रहा है कि आप भी "कुमार जलजला" की तरह गुमनाम जिंदगी जीने में विश्वास रखते हो... !!!
लिलित भाई से आज मेरी बातचीत हुई है। परसो आ रहा है अपना यार।
दिल्ली के सम्मेलन में कुछ महत्वपूर्ण बातें हुई है अभी कुछ लिखने की सोच रहा हूं.. पर लगता है कि फिर कुछ लोगों को बुरा लग जाएगा।
राज कुमार सोनी जी आप अच्छे सोच रखने वाले ब्लोगर हैं मेरे ख्याल से आपको अपने मन के विचार को जरूर लिखने चाहिए ,किसी को बुरा नहीं लगेगा / आप ज्यादा से ज्यादा सत्य पे आधारित स्वस्थ आलोचना ही तो लिखेंगे,इससे तो हमें अच्छा लगेगा
अरे भाई लगता है आपने गलत समझ लिया है। मैं तो दिल्ली में हुए ब्लागर सम्मेलन के पक्ष में हूं और उसी पर आधारित मैंने एक पोस्ट लगा दी है अपने ब्लाग पर। इस पोस्ट से हो सकता है कुछ महानुभावों को अच्छा न लगे। मैं हमेशा से एकजुटता पर यकीन रखने वाले लोगों में से हूं।
जो पहचाना जाये वो जल जला केसे हो सकता है जी, वेसे मुझे लगता है यह जलजला हम मै से ही कोई एक था, जो कल इस मिटिंग मै जरुर था, यह बात मेरा मन कह रहा है..... वर्ना ढाबा ओर काली कार? हो सकता है वो ढाबे से खाना खा कर काली कार से निकला हो ओर कार से ही यहां पहुचा हो, अगर सारी कडिया मिलये तो जल्जले को पहचान पाना कठिन नही अब देखे काली कार मै कोन आया था???
to iska matlab qasam dila dila kar kumar jaljalaa ne sabko hapnee taraf kar liya....
लाल तो मेरा ट्रेडमार्क है....
क्या कहें
हे भगवान, ये लाल रंग पता अन्ही अभी तो क्या क्या करवायेगा?
रामराम.
Post a Comment