Wednesday, April 28, 2010

... ब्लागवाणी पर "नापसंदी लाल" लोगों का गिरोह सक्रिय !!!

क्या बात है ... ब्लागजगत में कचरे का ढेर .... हां भईये, ये बिलकुल सच है ... कचरे का ढेर ... अब क्या कहें कुछ लोगों को व्यवस्था को बिगाडने में ही मजा आता है .... आजकल ब्लागवाणी पर "नापसंदी लाल" लोगों का गिरोह ... जी हां, "नापसंदी लाल" लोग पोस्टों तथा चिट्ठों का "कबाड" करने में युद्ध स्तर पर सक्रिय हैं ... क्या मिलता है उन्हें ... कुछ नहीं ... बस मजा आता है ... अरे भाई, जब मजा ही लेना है तो कुत्ते की दुम पकड कर झूल जाओ ... झूला भी झूल लोगे और मजा भी ले लोगे ... नहीं तो कुत्ता जरुर मजा चखा देगा ... कम से कम देखने वाले भी "सर्कस" का लुत्फ़ उठा लेंगे ...

... "नापसंदी लाल" लोगों से सिर्फ़ एक ही सवाल है जब ब्लाग व पोस्ट पर "टिप्पणी" की सुविधा है तो उस पर अपनी स्पष्ट राय पसंद अथवा नापसंद दर्ज क्यों नहीं करते ? ... जब प्रत्यक्ष रूप से नापसंद की राय दर्ज की जायेगी तो ब्लागर भी अपने लेखन में सुधार का प्रयास करेगा ... मगर "नापसंदी लाल" लोग ऎसा करने की हिम्मत नहीं करेंगे ... शायद डरते हैं ... शायद-वायद नहीं ... "नापसंदी लाल" लोग सचमुच कायर हैं जो छिपकर ही "नापसंद" का चटका लगायेंगे, खुलकर "टिप्पणी" देने से डर जो लगता है ... हो सकता है सोचते हों, कौन बुराई ले ...

... "ब्लागवाणी" के कर्ता-धर्ता जरा आप भी सुन लो जब "पसंद/नापसंद" के गुप्त मतदान की व्यवस्था रखे हो, तो "नापसंद ब्लागर" का भी एक "रेंकिंग" बना दो ... कम से कम जो ब्लागर "नापसंदी लाल" लोगों की नजर में अच्छे नहीं हैं उनको भी कहीं तो "रेंकिंग" में ऊपर जगह मिल जायेगी .... और "नापसंदी लाल" लोग देख-देख कर खुश हो लेंगे ... चलो आज देख लेते हैं कि कितने लोग इस पोस्ट पर नापसंद का चटका लगाते हैं ... कम से कम ये तो पता चल जायेगा कि "नापसंदी लाल" लोगों के गिरोह में कितने "कायर" शामिल हैं ...

... साथ ही साथ "ब्लागवाणी" से भी आग्रह है कि "नापसंदी लाल" लोगों की सूची जो "सिस्टम" में अपडेट हो रही है किसी दिन उसे भी उजागर .... ताकि "नापसंदी लाल" खुद की जय जय कार के नारे कैसे लगाते हैं जरा हम भी देख लें .... फ़िलहाल तो हम ही कह देते हैं ... जय जय "नापसंदी लाल" !!!!

16 comments:

संजय भास्‍कर said...

SAB KO HILA DALA JABARDAST PESHKASH

संजय भास्‍कर said...

.......... बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

M VERMA said...

यह हरकत मुझे भी अच्छी नहीं लगी थी जब पाबला जी के ब्लाग पर नापसन्द का चटका लगा था.

नरेश सोनी said...

अरे भाई, लोग पसंद नहीं कर सकते तो नापसंद क्यों करते हैं। मुझे तो लगता है कि कोई गिरोह सक्रिय है। संभव है कि आने वाले दिनों में मुझे भी इस गिरोह का सामना करना पड़े। क्या करें, ऐसे गिरोहों का। बहुत बड़ा चक्रव्यूह है। अभिमन्यू बने तो गए काम से।

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 said...

जो खुद अच्छा नहीं लिख सकते..वो.बुरा तो लिख सकते ही हैं...श्याम जी..आपने लोगो को बताना था .बता दिया...सुन्दर

रंजन (Ranjan) said...

why we are concern if somebody dislike my/some other post.. its their choice.. why i think that "all the people" will appreciate and give true verdict.. or positive opinion..

WHO CARES!!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

श्याम भैया
नापसंदी लाल नहीं,काले हैं
इनके कारनामे भी काले हैं
जल जल के कोयला हुए हैं
दिमाग के निकले दीवाले हैं

आपने कड़ुवा सच नाम सार्थक कर दिया।
कई दिनों से बजने वाला बाजा फ़ोड़ दिया।

हमारी पोस्ट पर रोज नापसंद लगती है।

अजय कुमार झा said...

हा हा हा श्याम जी ,
गिरोह के दो आके चटका गए हैं , मुबारक हो आपकी बात उन तक पहुंच ही गई है । मगर इतना तो मानना ही होगा कि वे dedicated लोग हैं , इतनी शिद्दत से इंतजार करते हैं , कब पोस्ट आए और कब माईनस करके इस गर्म मौसम में सब ठंडा ठंडा कूल कूल करते हैं । अभी और आएंगे दीवाने हजारों है । आप तो बस गिनते जाईये

राज भाटिय़ा said...

अरे कहां है यह चटके बाला बटन, जल्दी से मुझे बताओ

honesty project democracy said...

पसंद नापसंद तो होनी चाहिए लेकिन पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जनहित के जागरूकता वाले प्रयास पर भी नापसंद का ठप्पा लगाना,मुर्खता की निशानी है / मेरे साथ तो ऐसा ही हुआ / हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /

स्वप्न मञ्जूषा said...

इस पोस्ट को लिखने के लिए आपका हृदय सा आभार...
मुझे आज सिर्फ ३ मेडल मिले हैं...हा हा हा हा ...

Arvind Mishra said...

सचमुच नरक कर रखा है ब्लॉग नक्सलियों ने !

Anonymous said...

मेरे नाम पर तो रिकॉर्ड है भई नापसंदों की संख्या का!!!

बी एस पाबला

kshama said...

Mai blogjagat me rahte hue bhi itni anbhigya kaise rah gayi? Kuchh samajh nahi paa rahi hun...isse aage kya kahun?

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बहुत बढ़िया और सार्थक पेशकश....

Khushdeep Sehgal said...

अरे आप नाहक परेशान हो रहे हैं...ये नापसंद मीटर है आपकी लोकप्रियता बढ़ने का...जितनी ज़्यादा नापसंद, इसका मतलब उतने ही ज़्यादा आपकी कामयाबी से जलने वाले...हां अगर आप एक भी नापसंद नहीं जुटा पाते हैं तो फिर आपको अपने लेखन की काबलियत पर ज़रूर गौर करना चाहिेए...

जय हिंद...