Wednesday, July 25, 2018

तीन इक्के

जिन्दगी भर .. हम ...
दाँव लगाते रहे
कभी जीतते, तो कभी हारते रहे
पर,
कभी नुकसान में नहीं रहे

तमाम उम्र ... एक अफसोस-सा रहा
कि -
कभी तीन इक्के नहीं आये

पर,
कल आये .. हाँ ... तीन इक्के ....
लेकिन
हम हार गए
और,
दुक्की-तिक्की-पंजा .. पत्तों वाला जीत गया

मुफ़लिस चाल थी ..
मुफ़लिस में .. छोटे पत्ते बड़े होते हैं
और .. बड़े छोटे .... !!

~ उदय

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