कभी आपको
खुद रास्ता .. खुद सीढ़ी ..
तो कभी खुद पीठ बनना होगा,
वर्ना
पिछड़ जाओगे .. बिछड़ जाओगे ..
किसी से,
ये मायावी संसार है
यहाँ
तिकड़म, तीन-पांच-तेरह, पांच-तीन-अठारह ..
बहुत जरूरी हैं !
~ उदय
खुद रास्ता .. खुद सीढ़ी ..
तो कभी खुद पीठ बनना होगा,
वर्ना
पिछड़ जाओगे .. बिछड़ जाओगे ..
किसी से,
ये मायावी संसार है
यहाँ
तिकड़म, तीन-पांच-तेरह, पांच-तीन-अठारह ..
बहुत जरूरी हैं !
~ उदय
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