कौन जानता था कि
वो
कुछ इस तरह मिजाज बदल लेंगे
पहले तो ..
घंटों लिपटे रहेंगे
दो जिस्म औ इक जान की तरह
और फिर
मुँह मोड़ लेंगे
इक अजनबी की तरह
लिपटना .. मुँह मोड़ लेना .. फिर .. पहचानना नहीं
कभी-कभी तो
उनकी इस अदा पे भी प्यार आता है
मगर सोचता हूँ
ऐसे प्यार का मतलब ही क्या .. !
जो
फरेबी हो ... ?
वो
कुछ इस तरह मिजाज बदल लेंगे
पहले तो ..
घंटों लिपटे रहेंगे
दो जिस्म औ इक जान की तरह
और फिर
मुँह मोड़ लेंगे
इक अजनबी की तरह
लिपटना .. मुँह मोड़ लेना .. फिर .. पहचानना नहीं
कभी-कभी तो
उनकी इस अदा पे भी प्यार आता है
मगर सोचता हूँ
ऐसे प्यार का मतलब ही क्या .. !
जो
फरेबी हो ... ?
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