Friday, July 25, 2014

ठेका ...

कीमत तय करो, हमें हर कीमत पे सौदा मंजूर है
आखिर तुम,… ईमान का सौदा कर रहे हो यार ?
बात को, अब तुम, इतनी भी, बेबाकी से मत कहो यारा
जज्बात पत्थर के सही पर दिल तो शीशे के ही हैं उनके ?

अब कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता
पूरे पांच साल का ठेका है हमारा ?
खूब तरसा तरसा के बरस रहे हैं हुजूर
'रब' जाने, वो इत्ते नाराज किस्से हैं ?
 …
इसे 'रब' की मेहरवानी कहें, या 'खुदा' के रहम
जलजलों के दौर में भी हम सलामत हैं यारो ?

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