कुसूर उनका कतई नहीं है 'उदय'
उनपे यकीं तो हमें ही हुआ था ?
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आज मैं बहुत हैरान हूँ 'उदय'
किसी ने अब तक
'आम आदमी' पर
संसद न चलने देने का
ठीकरा क्यूँ नहीं है फोड़ा ???
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उन्ने,…………………… खूब लूटा है
कम से कम एक मौक़ा हमें भी तो दो ?
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सिर्फ भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार चिल्लाने से कुछ न होगा
गर जज्बा है,…… तो ठोस क़ानून को समर्थन दो ?
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