पुख्ता इल्जामों पे, अब वो, जवाब दें तो क्या दें
इसलिये उन्नें, इल्जामों से मुंह मोड़ लिया है ?
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कुछ तो रहम करो, तुम ............... उनपे यारो
भले चोर सही, पर उन्हें जिताया तो हमने ही है ?
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देर-सबेर तमाम दौलतें उनकी, यहीं छूट जानी हैं
फिर भी, चैन नहीं है उन्हें, ... लूट-खसोट से ??
2 comments:
satik....par ham kahan jante the ki chor ho jayega..
कमाल लिखते हैं..
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