उन्हें तुम, उनके ही हाल पर
छोड़ दो यारो
वैसे भी -
अब उनमें कीड़े पड़ने लगे हैं ?
अब वो -
सड़ने लगे हैं ...
कब्र की ओर, पांव उनके
खुद-ब-खुद बढ़ने लगे हैं ??
देर नहीं है ...
अंधेर भी नहीं है 'उदय'
इंसाफ में ...
किसी के मारे बगैर ही
वे खुद-ब-खुद मरने लगे हैं ???
1 comment:
गहरे कटाक्ष हैं..
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