Wednesday, July 25, 2012

सिलसिला ...


बहुत कठिन है जीते-जी खुद को मार पाना 'उदय' 
न जाने कैसे तुमने, .... ये करतब दिखाया है ??
... 
बस यूँ ही, मिलने-जुलने का सिलसिला बना रहे 
ये किसने कह दिया तुमसे, कि - ठहर जाओ ??
... 
वो मेरे जैसे नहीं हैं, और मैं उनके जैसा नहीं हूँ 
सिर्फ इत्ती-सी बात पे, लोग हैरान क्यूँ है ????

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