Saturday, May 19, 2012

सौदा ...


सुना है उन्हें कफ़न के सौदे में भी कमीशन की चाह थी 
मगर अफसोस, उनकी किस्मत में जनाजा नसीब था ! 
... 
शान-औ-शौकत बेच के, कहाँ जा रहे हो यार 
क्या कहीं ईमान का सौदा हुआ है ? 
... 
ये तुम, आज किन उसूलों की जिद में अड़ रहे हो यार 
उस दिन कहाँ थे जब तुमने ईमान का सौदा किया था ? 

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

जिद पर अड़ा है, ईमान बचा है..