Thursday, March 15, 2012

शख्स ...

यहाँ हर शख्स, किसी न किसी का खुद-ब-खुद चेला हुआ है
उफ़ ! ये कैसा शहर है 'उदय', जहां कोई 'गुरु' नहीं दिखता !!
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कहने को तो 'उदय', आज हर एक शख्स खुद-ब-खुद 'खुदा' है
उफ़ ! फिर भी न जाने क्यूँ, उसे खैरात पे आसरा है !!