Saturday, February 4, 2012

साहित्यिक गणित ...

भईय्या प्रणाम ...
आओ अनुज आओ, क्या ख़ास है ?
आपका आशीर्वाद है भईय्या !
अच्छा, कुछ ख़ास नहीं है !!
तो आओ, बैठो ...
आज तुम्हें कुछ नया सिखाते हैं !
जी भईय्या ...
लेपटॉप पर ... फेसबुक ...
अच्छा, तो ये तुम्हारी फ्रेंड लिस्ट है !
जी भईय्या ...
तो एक काम करो -
इसे माईनस, इसे प्लस, इसे प्लस
इसे माईनस, इसे माईनस, इसे माईनस
इसे लाईक, इसे कमेन्ट, इसे कमेन्ट, इसे लाईक
इसे छोडो, इसे छोडो, जाने दो, आगे बढ़ो ...
ठीक है, अब तुम इसी फारमेट में ...
ये क्या है भईय्या ... कुछ समझ नहीं आया !!
धीरे धीरे समझ जाओगे ... दो-तीन दिन में ...
ये कुछ और नहीं ... साहित्यिक गणित है !!!

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

समझते हैं यह गुणाभाग भी...