Thursday, December 8, 2011

साहित्यिक श्रेष्ठ ...

वो -
जो बात को पूरी तह तक
समझे बिना ही
हाँ, हाँ, कर रहे हैं !
या वो -
जो उनकी हाँ सुन रहे हैं !
या फिर वो -
जो हाँ में हाँ मिला रहे हैं !
या फिर वो
जो विरोध में ...
झंडा ऊंचा लहरा रहे हैं
किसे मानें
हम, साहित्यिक श्रेष्ठ ... !!

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

बादल शीघ्र छटें।