Tuesday, October 11, 2011

जन लोकपाल बिल ... बना गले की हडडी !!

एक तरफ कुआ
तो दूजी तरफ खाई है
इसलिए ही
जन लोकपाल के मसले पर
सरकार ने
अनसुनी दिखलाई है !

करते क्या
और क्या न करते
मरना तो लगभग तय है
मान लेने पर
जेल जाने का भय है
तो न मानने पर
हार जाने का संकट तय है !

जन लोकपाल बिल
गले की हडडी बन गई है
न उगल पाने
और न निगल पाने का
संकट गहरा रहा है
और न ही कोई
संकटमोचक नजर आ रहा है !

हे राम ! अब क्या करें
कहीं ऐंसा न हो
न घर के रहें
और न ही घाट के
जन लोकपाल के चक्कर में
राज-पाट न छिन जाए
और तो और, कहीं
घाट घाट का
पानी न पीना पड़ जाए !!

No comments: