ये क्या
अजब-गजब
दुर्दशा
हो गई है, होते जा रही है !
हो गई है, होते जा रही है !
ये कैसा
साहित्यिक संसार है
जहां, आज
उन्हें, मरने के बाद
पंच सितारा होटल में
स्मृति के बहाने
याद -
आमंत्रित किया जा रहा है !
जो जीते जी
झोपडी में
भूखे-प्यासे जीते रहे थे !!
...
वो मरने के बाद खूब याद किये जा रहे हैं
जिन्हें जीते जी कभी पुकारा नहीं गया !!
साहित्यिक संसार है
जहां, आज
उन्हें, मरने के बाद
पंच सितारा होटल में
स्मृति के बहाने
याद -
आमंत्रित किया जा रहा है !
जो जीते जी
झोपडी में
भूखे-प्यासे जीते रहे थे !!
...
वो मरने के बाद खूब याद किये जा रहे हैं
जिन्हें जीते जी कभी पुकारा नहीं गया !!
1 comment:
कटु सत्य
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