हमारे मुख्यमंत्री जी कुछ सोच रहे हैं
कि -
क्या नया किया जाए
परिणाम स्वरूप
हम भी सुर्ख़ियों में रहें, बने रहें
हमारी भी जय जयकार हो
जैसे
अन्य मुख्यमंत्रियों की हो रही है !
कुछ न कुछ तो ...
नहीं तो ...
पर क्या करें, कोई तो सुझाए
हमारे रणनीतिकार, सलाहकार
अब क्या कहने उनके, शुभान-अल्लाह ...
कुछ न कुछ तो करते हैं
पर कुछ भी हट के नहीं करते
ऐसे, कैसे, कब तक, यूं ही चलते रहेगा !
उनकी चिंता जायज थी
मुख्यमंत्री जो हैं
ये बात, उनके चेले-चपाटे, शुभ-चिंतकों के -
बीच से, उड़ती-उड़ाती, मुझ तक आ पहुँची थी
क्या करता, चुप रहना भी जायज ...
आखिर मैं भी तो राज्य का ही ...
फिर मैंने, बैठे बैठे, गुन्ताड लगाया
सोचा, समझा, विचारा, और तय किया
कि -
हमारे मुख्यमंत्री जी ...
चुप नहीं रहेंगे, करेंगे, कुछ-न-कुछ जरुर करेंगे
मैंने, बैठे बैठे, मांसिक तरंगों से -
'सिक्स्थ सेन्स' के माध्यम से सन्देश भेज दिया !
अब हमारे मुख्यमंत्री जी -
नशाबंदी
बेरोजगारी
भ्रष्टाचार निवारण
नक्सली उन्मूलन
स्कूली निशुल्क शिक्षा
बस्ताविहीन पाठ्यक्रम
पारदर्शी स्थानान्तरण नीति
कार्यों की जवाबदेही व समयसीमा
सशक्त लोकायुक्त व्यवस्था
पलायन प्रथा की जड़ों पर ...
गंभीर से गंभीर चिंतन-मनन कर रहे हैं !
इन सब के बीच -
भ्रष्ट मंत्रियों
भ्रष्ट नौकरशाहों
भ्रष्ट ठेकेदारों
पर नकेल कसने की भी तैयारी है !
सांथ ही सांथ -
भ्रष्ट, झूठे, फरेबी, मौकापरस्त
सलाहकारों, रणनीतिकारों पर भी गाज गिरने वाली है !
बस
दो-चार दिन, या दो-चार हफ़्तों में ही
हमारे मुख्यमंत्री जी ...
की भी जय जयकार होने वाली है
विचार, चिंतन, मनन, विमर्श, गहमा-गहमी जारी है !!
1 comment:
गहमा गहमा बनी रहेगी।
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