चलो माना ... मान लेते हैं
बाबा जी ... ठग हैं
पर ... सरकार जी ... आप ... आप क्या हैं !
आपने ... चर्चा ... शुरू की
चर्चा के मुद्दों ... पर सहमती दी
सहमती की ... चिट्ठी भी भेजी
सब ठीक था ... ठीक-ठाक था
फिर ... अचानक ... ऐसा क्या हुआ
क्यों हुआ ... किसलिए हुआ ... कि -
रातों-रात ... आधी रात को
राक्षस ... राक्षसी बुद्धि ... जाग गई
बोलो ... बताओ ... कैसे ... क्यों हुआ !
राक्षसों को ... किसने ... मंत्र फूंक कर ... जगाया
और ... जगा कर ... मंत्र फूंक कर
तांडव ... महा-तांडव का हुक्म दिया
क्यों ... किसलिए ... आधी रात को
सोये हुए ... असहाय ... अहिंसक
बाबा जी ... बूढों ... बच्चों ... महिलाओं पर
बर्बरता का तांडव किया गया
बोलो ... बताओ ... जवाब दो !
क्यों हुई ... बर्बरता ... किसलिए
चलो माना ... मान लेते हैं ... बाबा जी ... ठग हैं
फिर ... सरकार जी ... आप ... आप क्या हैं !!
2 comments:
दर्द तो यह है कि अपने ही मारने वाले हैं..
yahi sach hai..kadva sach uday ji
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