"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
बिहार की ट्रेन है शायद.
पता नहीं कौन इस रेलगाड़ी को किस नजरिए से देखता है मुझे लगता है कि यह रेलगाड़ी ही ब्लागजगत है। जिसमें तमाम अच्छा लिखने वाले अंदर फंसे हुए हैं, और चोर-उच्चके और लफंगों की जमात उन्हे आगे नहीं बढ़ने दे रही।
बहुत ही न्यारी प्रस्तुती ,यहाँ पर कुमार जलजला के विचारों से भी पूर्ण सहमती है /
हम भी यही कहने वाले थे कि बिहार की ट्रेन है शायद्। बेचारा चलाने वाला कैसे चला रहा होगा।
उदय जी यह सच हैकड़वा हैकड़वा सच है।
बढ़िया चित्र है..एकदम मस्त-मोला "
@ बिहार की ट्रेन है शायद.--- बिहार में समुचित ट्रेन/परिवहन की व्यवस्था नहीं है (शायद) ... यक़ीनन!
यही हमारी नियती है , निराश करने वाली तस्वीर कड़वा सच है।
"--- बिहार में समुचित ट्रेन/परिवहन की व्यवस्था नहीं है (शायद) ... यक़ीनन!"चार-पांच रेल मंत्री देने के बाद भी!?
अरे कोई इन लटकने बालो की हिम्मत की भी तारीफ़ करे ना, ऎसे यात्रा करना असान नही जनाब, मै तो देख कर ही चक्कर खाने लगा
जनसँख्या बढती रही तो यही हाल रहेगा ......इस देश का
...अरे भाई बिहार वा से फ़ोन आया था ... कोई कह रहा था ...ई हमार ट्रेन-वा है हम अईसे ही चलाईवा .... !!!!
तस्वीर हमेशा बोलती हैराज भी बहुत सारे खोलती हैं
सच्चाई है ।
ek chitra--hajaaro shabd se badhakar, acchi prastuti.badhaai.
सटीक.....बिन कुछ कहे भी कितना कुछ कह दिया आपने.....वाह !!!
Ise kahate hai YAMARAAJ ke bhaise ko ungalee karanaa.
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18 comments:
बिहार की ट्रेन है शायद.
पता नहीं कौन इस रेलगाड़ी को किस नजरिए से देखता है मुझे लगता है कि यह रेलगाड़ी ही ब्लागजगत है। जिसमें तमाम अच्छा लिखने वाले अंदर फंसे हुए हैं, और चोर-उच्चके और लफंगों की जमात उन्हे आगे नहीं बढ़ने दे रही।
बहुत ही न्यारी प्रस्तुती ,यहाँ पर कुमार जलजला के विचारों से भी पूर्ण सहमती है /
हम भी यही कहने वाले थे कि बिहार की ट्रेन है शायद्। बेचारा चलाने वाला कैसे चला रहा होगा।
उदय जी यह सच है
कड़वा है
कड़वा सच है।
बढ़िया चित्र है..एकदम मस्त-मोला "
@ बिहार की ट्रेन है शायद.
--- बिहार में समुचित ट्रेन/परिवहन की व्यवस्था नहीं है (शायद) ... यक़ीनन!
यही हमारी नियती है , निराश करने वाली तस्वीर
कड़वा सच है।
"--- बिहार में समुचित ट्रेन/परिवहन की व्यवस्था नहीं है (शायद) ... यक़ीनन!"
चार-पांच रेल मंत्री देने के बाद भी!?
अरे कोई इन लटकने बालो की हिम्मत की भी तारीफ़ करे ना, ऎसे यात्रा करना असान नही जनाब, मै तो देख कर ही चक्कर खाने लगा
जनसँख्या बढती रही तो यही हाल रहेगा ......इस देश का
...अरे भाई बिहार वा से फ़ोन आया था ... कोई कह रहा था ...ई हमार ट्रेन-वा है हम अईसे ही चलाईवा .... !!!!
तस्वीर हमेशा बोलती है
राज भी बहुत सारे खोलती हैं
सच्चाई है ।
ek chitra--hajaaro shabd se badhakar, acchi prastuti.badhaai.
सटीक.....
बिन कुछ कहे भी कितना कुछ कह दिया आपने.....वाह !!!
Ise kahate hai YAMARAAJ ke bhaise ko ungalee karanaa.
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