कडुवा सच लिखने पर धमकी मिली .... लिखते समय कभी ऎसा नहीं सोचा कि ऎसा भी हो सकता है पर ये सच है ... अभी-अभी कुछ देर पहले मोबाईल पर घंटी बजी स्क्रीन पर कोई नंबर नहीं .... नंबर नहीं ... आश्चर्य ... मैंने सोचा ये कैसे संभव है .... फ़ोन उठाया सामने से किसी महिला की सुरीली-मीठी आबाज .... सुनिये मिस्टर श्याम कोरी 'उदय' ये फ़ालतू का कडुवा सच लिखना बंद करो ... कुछ भी अनाप-सनाप लिखे जा रहे हो ... तुम्हारे लिखने का कोई हिसाब-किताब नहीं है ... जो मन में आये लिख देते हो .... मैंने कहा - मोहतरमा आप अपना परिचय देंगी .... सुनो परिचय की आवश्यकता नहीं है ... मैंने कहा - बिना परिचय के बात कैसे बनेगी, और जरा फ़रमायेंगी "अनाप-सनाप" लिखने से आपका मतलब क्या है .... मतलब - फ़तलब छोडो .... फ़ोन डिसकनेक्ट .......
.... लगता है अब कुछ मीठा-मीठा लिखना पडेगा .... नहीं तो फ़िर फ़ोन ... धमकी .... अगर मोहतरमा अपना परिचय भी दे देतीं तो अच्छा होता ... खैर छोडो ... होते रहता है ... पर कुछ मीठा लिखने की आदत डालनी पडेगी .... पर क्या करें आदत जो नही है .... चलो देखते हैं ... !!!!
15 comments:
कडुवा सच है भैय्ये.
सामना को करना पड़ेगा...।
हा-हा-हा.... सांत्वना यह है कि वह मेडम थी ! पता नहीं आप यह सब सीरिअसली लिख रहे हो या मजाक में, नहीं मालूम ! मगर मुझे मेल पर कुछ कायरों की धमकियां अक्सर मिल जाती है ! यही वजह है कि मैं अपने मोबाईल नंबर को सार्वजनिक नहीं करता ! वह इस लिए नहीं कि कायरों की गीदड़ भभकियों से डरता हूँ मगर इसलिए कि इन कु* की भौ-भू सुनकर फालतू में अपना बी पी क्यों बिगाड़ो !
per aisa hua kya .... sach to blog per hai , kisi ka naam bhi nahi uchhala hai aapne ... khair
धमकियों से क्या डरना...
सच तो कड़वा ही होता है ।
लेकिन अब थोड़ी मिठास डालकर देखना चाहिए ।
thoda mitha likho janaab
घंटी बजी लेकिन स्क्रीन पर कोई नंबर नहीं!
ये बात कुछ हजम नहीं हुई.
निशांत जी किसी दिन आप के पास ऎसा ही "बिना नंबर" वाला फ़ोन आयेगा तो बात जरुर हजम हो जायेगी !!!
सच कहने वाले को बहुत कुछ सहना / सुनना पड़ता है।
सच जो कड़वा है
सच लिखना वास्तव में कष्ट-दायक है...पर धमकियो से डरना कायरता होगी.......सच लोखना जारी रखें.
आपने तो अपने पोस्ट पर किसीका नाम ज़िक्र नहीं किया था! फिर ऐसी धमकी भड़ी फोन तो नहीं आना चाहिए था!
इस तरह की धमकी आपको पहली बार मिली इसीलिये चौंक रहे हो ! ...अगर ऐसे ही सच बोलते रहे तो शीघ्र आदत पद जायेगी ! शुभकामनायें भाई !
सच तो कड़वा ही होता है...इसलिए कड़वी बातें ही सुननी पड़ेंगी....
मैं भी इंतज़ार कर रहा हूँ कि मेरा नंबर कब आएगा? ....
हा हा हा श्याम जी ये तो होना ही था अब जब हमारी तरह फ़ोन नंबर को नंबर प्लेट की तरह चस्पा करके रखिएगा तो । आपको तो बगैर नाम पते के कौल आई है हमें तो बाकायदा नाम गाम के साथ फ़ोनियाया गया मगर शायद उन्हें ही लग गया कि रौंग नंबर लगा दिया है लेने के देने न पड जाएं । खैर आप सच लिखते रहिए ..मीठा कड्वा सब पाठकों को तय करने दीजीए
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