Friday, March 26, 2010

"करिश्मा"

..... हम कामेडी सर्कस में एक लम्बे समय से "करिश्मा" को कामेडी करते हुये देखते आ रहे हैं जिसकी अभिनय क्षमता निश्चिततौर पर प्रसंशनीय रही है ।

..... कामेडी करना, थीम के अनुरूप परफ़ार्म करना, डायलाग व फ़ेस एक्सप्रेशन को भलीभांति समायोजित करना तथा वाह-वाही लूटना ....बेहद मेहनत का काम है।

...... क्या हम इस फ़ोटो को देखकर यह कह सकते हैं कि यही "करिश्मा" है? .... क्या इसी "करिश्मा" को हम एक परिपक्व अदाकारा के रूप में देखते आ रहे हैं? ...... हां, ये "कामेडी सर्कस" की करिश्मा ही है जिसे हम "ख्याली" के साथ देखते आये हैं पर यहां इस फ़ोटो में "अंगप्रदर्शन" की हदें पार हो रही हैं, आजकल "अंगप्रदर्शन" सफ़लता के लिये "शार्टकट" हो गया है !!!

7 comments:

राज भाटिय़ा said...

अजी जो बात पर्दे मै है वो खुले पन मै कहां, मुट्टी जब तक बन्द रहती है ऊत्सुकता बनी रहती है, ओर जो खुल गई तो खाक की

बाल भवन जबलपुर said...

shyaam jee kuchh theek naheen hai ise chhaapannaa

संजय भास्‍कर said...

बढ़िया लगी आपकी यह खास प्रस्तुति....भैया ..बढ़िया प्रस्तुति के लिए धन्यवाद जी

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

dhatt tere ki.....kar diyaa na sach ko kadvaa.....!!

Naradmuni said...
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Urmi said...

बिल्कुल सही कहा है आपने! आजकल तो ज़माना ही बदल गया है! बढ़िया प्रस्तुती!

दिगम्बर नासवा said...

ज़माना बदल रहा है ... पर किस दिशा में ... शर्म आती हाई देख कर इतना सब ....