Friday, May 22, 2009

शेर - 45

कदम-दर-कदम रास्ते घटते गए और फासले बढते गये
फिर हौसले बढते गये और मंजिलें बढती गईं ।

1 comment:

दिगम्बर नासवा said...

होंसले बढे रहने चाहियें ............ मंजिलें तो मिल ही जायेंगी