tag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post3765194321580656983..comments2023-10-29T08:15:59.262-07:00Comments on कडुवा सच ...: अभी भी वक्त है ... ! कडुवासचhttp://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-41576210873162208802018-01-14T08:36:20.270-08:002018-01-14T08:36:20.270-08:00निमंत्रण पत्र :
मंज़िलें और भी हैं ,
आवश्यकता है के...निमंत्रण पत्र :<br />मंज़िलें और भी हैं ,<br />आवश्यकता है केवल कारवां बनाने की। मेरा मक़सद है आपको हिंदी ब्लॉग जगत के उन रचनाकारों से परिचित करवाना जिनसे आप सभी अपरिचित अथवा उनकी रचनाओं तक आप सभी की पहुँच नहीं। <br />ये मेरा प्रयास निरंतर ज़ारी रहेगा ! इसी पावन उद्देश्य के साथ लोकतंत्र संवाद मंच आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों का हृदय से स्वागत करता है नये -पुराने रचनाकारों का संगम 'विशेषांक' में सोमवार १५ जनवरी २०१८ को आप सभी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद !"एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br />'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-54323334514907011702018-01-13T22:09:19.210-08:002018-01-13T22:09:19.210-08:00यूँ नफरत से ना देख मुझको ओ साथी
मेरा खूं भी तेरे ...यूँ नफरत से ना देख मुझको ओ साथी<br /><br />मेरा खूं भी तेरे खूं से मिलता जुलता है<br /><br /><br />तूं हिंद का वासी है मेरा भी यही वतन है साथी<br /><br />में इस मजहब का हूं तूं उस मजहब में रह्ता है<br /><br /><br />गले मिल सियासत के साये से निकलकर ओ साथी<br /><br />मेरी क़ुरान मे यही लिखा है कहती यही तेरी गीता है<br /><br /><br />कब तक यूं लड़ेगे हम आपस में ओ साथी<br /><br />लहू तेरा भी बहता है खूँ मेरा भी गिरता हैदेशवालीhttps://www.blogger.com/profile/09399363512978258811noreply@blogger.com