tag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post3520811655554409816..comments2023-10-29T08:15:59.262-07:00Comments on कडुवा सच ...: साहित्यकार ...कडुवासचhttp://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-23776077332175408852009-12-20T01:11:50.560-08:002009-12-20T01:11:50.560-08:00बिल्कुल सही कहा एवं लिखा है आपने, आभार ।बिल्कुल सही कहा एवं लिखा है आपने, आभार ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-34084817927223672922009-12-17T04:30:52.590-08:002009-12-17T04:30:52.590-08:00prashn hi to rah gayaa he hindustaan.
aapki rachna...prashn hi to rah gayaa he hindustaan.<br />aapki rachna behatreen he.अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-29174489972038368602009-12-16T04:54:01.436-08:002009-12-16T04:54:01.436-08:00साहित्यकार गरीबी पर लिखते है और बेरोजगारी पर लिखते...साहित्यकार गरीबी पर लिखते है और बेरोजगारी पर लिखते है और सरकार गरीबी और बेरोजगारी मिटाना चाहती है इसलिये साहित्यकार को भी .......!BrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-23371987205661461282009-12-15T02:39:56.328-08:002009-12-15T02:39:56.328-08:00बिल्कुल सही कहा एवं लिखा है आपने, आभार ।बिल्कुल सही कहा एवं लिखा है आपने, आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-27966456110343267852009-12-14T17:51:31.605-08:002009-12-14T17:51:31.605-08:00bilkul uchit prashn.bilkul uchit prashn.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-22245191532600337932009-12-14T01:37:15.252-08:002009-12-14T01:37:15.252-08:00श्याम जी आपने बहुत सही बात कही है। अब देश के सभी स...श्याम जी आपने बहुत सही बात कही है। अब देश के सभी साहित्यकारों को एक होना चाहिए।<br />------------------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ये तो बहुत ही आसान पहेली है?</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">धरती का हर बाशिंदा महफ़ूज़ रहे, खुशहाल रहे।</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-71069108114931399002009-12-10T10:09:25.960-08:002009-12-10T10:09:25.960-08:00रेलवे में वंशवाद ,सेना में वंशवाद सरकार में तो अनि...रेलवे में वंशवाद ,सेना में वंशवाद सरकार में तो अनिवार्य ही है ?वंशवाद |कहाँवाली - कहाँ नही है ये वंशवाद और ये सिर्फ़ मिलने वाली सुविधाओ की ही खातिर तो है न ?न की योग्यता के बल से |<br />तो साहित्य क्यो अछूता रहे इससे ?शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-64122575647953422442009-12-10T07:45:12.682-08:002009-12-10T07:45:12.682-08:00साहित्यकार कौन है....इसका पैमाना क्या है...अनवरतर ...साहित्यकार कौन है....इसका पैमाना क्या है...अनवरतर लेखन या फिर सिर्फ लेखन...या फिर लेखन की दशा और दिशा...खैर...साहित्यकारों के हिस्से को कौन लोग खा रहे हैं, और क्यों खा रहा है...और जो इनका हक है वो मिल क्यों नहीं रहा है...बहरहाल साहित्यकारों ने तो सबकुछ जलवाया भी है और बनाया भी है...आदमी सभी स्वतंत्र जन्म लेता है लेकिन सर्वत्र जंजीरों में जकड़ा हुआ है जैसे जुमले भी साहित्यकार ही रचता है ...और फिर दुनिया के कदम खून की ओर बढ़ जाते हैं...साहित्यकारों को जमाने अपने साथ क्यों नहीं लेता...जबकि लोग उसे पढ़ते हैं, और उसी की तरह कर भी गुजरते हैं...साहित्यकार विगत में तंत्र का हमला झेलना पड़ा है, और अब यही हमला शालीन तरीके से अनदेखी कर के हो रहा है....वैसे लामबंदी वाले साहित्यकार तो सरकारी तंत्र के मजे झेल ही रहे हैं...हां....बेखौफ बुद्धि वाले साहित्यकारों को खोज पाना मुश्किल है...बहुत तो आज भी छपते ही नहीं है,और छपास शायद साहित्यकार होने का पहला गुण है....वैसे सरकारो को इस प्रश्न का जवाब नहीं देना चाहिए...क्योंकि सरकार जवाब नहीं देती है...संसद में तो सवाल और जवाब का ही कारोबार होता है...सरकार को सिर्फ सवाल करने का अधिकार है...वह जवाबदेह नहीं है...कहीं भी नहीं...वैसे साहित्यकारो के लिए इन कदमों को उठाकर सरकारें निसंदेह बेहतर काम करेंगी...कहानी और कविता लिखने वाले लोगों को लाभ होगा...मौसी का भाई फूफी की ताई से कविताएं लिखवाएगा और साहित्यकार बन जाएगा...मामा का भांजा मामी के भाई से कविताएं लिखवाएगा...अब साहित्यकार कौन है यह पहचान पाना मुश्किल होगा...और साहित्यकार लोग होते ही बेढबू...तो बेहतर है उनको उनके हाल पर ही छोड़ दिया जाये...Alok Nandanhttps://www.blogger.com/profile/08283190649809379160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-77714102144675500952009-12-10T04:25:04.045-08:002009-12-10T04:25:04.045-08:00jwalant prashn uthaya hai aapne ... par pahal koun...jwalant prashn uthaya hai aapne ... par pahal koun karega ... ye sarkaar? kya isme se koi raajniti kari ja sakti hai ? nahi? to fir .......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-89151622021865361252009-12-09T23:06:30.731-08:002009-12-09T23:06:30.731-08:00क्या साहित्यकार इस देश में / बेरोजगारों से भी गए ग...क्या साहित्यकार इस देश में / बेरोजगारों से भी गए गुज़रे हैं / क्या ये अन्य हकदारों की तरह / वेतन-पेंशन, आवास-यात्रा पास के हकदार नहीं हैं / क्या ये मीनार के चमकते कंगूरे / और नींव के पत्थर नहीं हैं?<br /><br />सच बहुत शाश्वत प्रश्न उठाया है आपने...लेकिन जवाब कौन देगा इस ज्वलंत प्रश्न का...???<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-71109604448291054512009-12-08T22:30:00.932-08:002009-12-08T22:30:00.932-08:00जो सरकारी नोक्रिशुदा है उन्हें सब कुछ दिया जा रहा ...जो सरकारी नोक्रिशुदा है उन्हें सब कुछ दिया जा रहा है और जो बेरोजगार उन्हें कुछ नहीं ?? कैसा कानून है कैसा न्याय है ?? संसोधन कौन करे??Murari Pareekhttps://www.blogger.com/profile/16625386303622227470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-56423671232893595322009-12-08T19:54:12.191-08:002009-12-08T19:54:12.191-08:00राष्ट्रपति - प्रधानमंत्री से,राज्यपाल - मुख्यमंत्र...राष्ट्रपति - प्रधानमंत्री से,राज्यपाल - मुख्यमंत्रियों से <br /> एक छोटा -सा प्रश्न पूछता हूँ <br /> क्या साहित्यकार इस देश में <br /> बेरोजगारों से भी गए गुज़रे हैं <br /> क्या ये अन्य हकदारों की तरह <br /> वेतन-पेंशन, आवास-यात्रा पास के हकदार नहीं हैं <br /><br />sahi prashn uthaya hai aapne ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-54886584756174396782009-12-07T23:10:28.075-08:002009-12-07T23:10:28.075-08:00अगर ये कुछ नहीं हैं / तो इन्हें इनके हाल पर छोड़ दो...अगर ये कुछ नहीं हैं / तो इन्हें इनके हाल पर छोड़ दो <br />BILKUL SAHI KAHA AAPNE SHYAM JIसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1951236445648618208.post-16826403465655029532009-12-07T23:09:34.925-08:002009-12-07T23:09:34.925-08:00DAVE TO BAHUT KARTI HAI SARKAR
PAR GAREBI WAHI KI ...DAVE TO BAHUT KARTI HAI SARKAR<br />PAR GAREBI WAHI KI WAHI HAIसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com