Monday, September 3, 2012

ईश्वर ...

जब हमें यकीन है, कि - 
ईश्वर है !
तो फिर ... 
यह संशय क्यूँ है, कि - 
हरेक इंसान का अपना-अपना -
एक अलग ईश्वर होगा ? 
बोलो ... 
क्यों ? किसलिए ?? 
जबकि सच्चाई यह है, कि - 
ईश्वर एक है !
सबका मालिक एक है !!

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

वह तो एक पहले भी था, सबने सुविधानुसार बाँट रखा था..

रश्मि प्रभा... said...

ishwar hai- aur ek hi hai